दो भाई एक आठ सालका और दुसरा दस सालका, बहुतही शरारती थे. उस इलाकेमें कुछभी गडबड हो जाती तो आखिर पता चलता की उसमें इन दोनोंकाही हाथ है.
उनके घरवाले सब तरहके प्रयास कर थक चूके थे. लेकिन उनकी शरारतें कम नही होती थी. एक दिन उन्होने उस इलाकेमें एक साधुके बारेंमे सुना. और यह भी सुना की वह ऐसे शरारती बच्चोंको एक झटकेसे ठिक कर देता है. इसलिए लडकोंके घरवालोंने उनको उस साधूकी तरफ भेजनेका ठान लिया.
उन लडकोंके घरवाले उस साधूके पास गए और उन्होने उसे उनके लडकोंको ठिक करनेके लिए आग्रह किया. साधु तैयार हो गया लेकीन वह पहले उन लडकोंमेसे छोटेसे मिलना चाहता था और वह भी अकेलेमें.
लडकोंके घरवालोंने आठ सालके छोटे लडकेको साधुके पास भेजा.
साधुने उस लडकेको अपने सामने बिठाया. लगभग पांच मिनट वे दोनो सिर्फ एकदुसरेंकी तरफ देखते रहे.
आखिर साधुने उस लडकेकी तरफ उंगली दिखाकर कहा, '' भगवान कहा है?''
वह लडका कमरेंमे इधर उधर देखने लगा, कमरेंमेकी सारी चिजे निहारने लगा लेकिन बोला कुछ नही.
फिरसे साधूने उस लडकेकी तरफ उंगली उठाकर बडे स्वरमें पुछा, '' भगवान कहा है?''
फिरभी वह लडका कुछ नही बोला, सिर्फ कमरेकी सारी चिजे निहारता रहा.
अब तिसरी बार साधूने उस लडकेकी तरफ झुककर अपनी उंगली उसके नाकपर रखते हूए पुछा, '' कहां है भगवान?''
वह लडका बेचारा घबरा गया और उठकर सिधा घरकी तरफ दौड पडा. घर पहूंचकर वह सिधा उसके बडे भाईकी तरफ गया और उसे बोला, '' अपनी कुछ खैर नही... एक बडी गडबड होगई है''
'' क्या हुवा? ... क्या गडबड होगई?'' बडे भाईने पुछा.
छोटा भाई बोला, '' उधर भगवानको किसीने अगवा कर लिया है... और उन लोगोंको लगता है की इसमें हमाराही हाथ है''
उनके घरवाले सब तरहके प्रयास कर थक चूके थे. लेकिन उनकी शरारतें कम नही होती थी. एक दिन उन्होने उस इलाकेमें एक साधुके बारेंमे सुना. और यह भी सुना की वह ऐसे शरारती बच्चोंको एक झटकेसे ठिक कर देता है. इसलिए लडकोंके घरवालोंने उनको उस साधूकी तरफ भेजनेका ठान लिया.
उन लडकोंके घरवाले उस साधूके पास गए और उन्होने उसे उनके लडकोंको ठिक करनेके लिए आग्रह किया. साधु तैयार हो गया लेकीन वह पहले उन लडकोंमेसे छोटेसे मिलना चाहता था और वह भी अकेलेमें.
लडकोंके घरवालोंने आठ सालके छोटे लडकेको साधुके पास भेजा.
साधुने उस लडकेको अपने सामने बिठाया. लगभग पांच मिनट वे दोनो सिर्फ एकदुसरेंकी तरफ देखते रहे.
आखिर साधुने उस लडकेकी तरफ उंगली दिखाकर कहा, '' भगवान कहा है?''
वह लडका कमरेंमे इधर उधर देखने लगा, कमरेंमेकी सारी चिजे निहारने लगा लेकिन बोला कुछ नही.
फिरसे साधूने उस लडकेकी तरफ उंगली उठाकर बडे स्वरमें पुछा, '' भगवान कहा है?''
फिरभी वह लडका कुछ नही बोला, सिर्फ कमरेकी सारी चिजे निहारता रहा.
अब तिसरी बार साधूने उस लडकेकी तरफ झुककर अपनी उंगली उसके नाकपर रखते हूए पुछा, '' कहां है भगवान?''
वह लडका बेचारा घबरा गया और उठकर सिधा घरकी तरफ दौड पडा. घर पहूंचकर वह सिधा उसके बडे भाईकी तरफ गया और उसे बोला, '' अपनी कुछ खैर नही... एक बडी गडबड होगई है''
'' क्या हुवा? ... क्या गडबड होगई?'' बडे भाईने पुछा.
छोटा भाई बोला, '' उधर भगवानको किसीने अगवा कर लिया है... और उन लोगोंको लगता है की इसमें हमाराही हाथ है''
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